2025-05-21
IDOPRESS
फाइल फोटो
नई दिल्ली:
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या 21 मई 1991 को भारत के तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक आत्मघाती बम विस्फोट के कारण हुई थी. इस बम विस्फोट में गांधी और हत्यारे के अलावा कम से कम 14 अन्य लोग मारे गए थे. इसे 22 वर्षीय कलैवानी राजरत्नम (जिसे थेनमोझी राजरत्नम और धनु नाम से भी जाना जाता है) ने अंजाम दिया था. वह प्रतिबंधित श्रीलंकाई तमिल अलगाववादी विद्रोही संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) की सदस्य थी. उस समय,भारत ने भारतीय शांति सेना के माध्यम से श्रीलंकाई गृहयुद्ध में अपनी भागीदारी समाप्त कर ली थी.
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने कुल सात लोगों को दोषी ठहराया था –
ए जी पेरारिवलन,नलिनी,टी सुथेंद्रराजा उर्फ संथन,वी श्रीहरन उर्फ मुरुगन,रॉबर्ट पायस,जयकुमार औररविचंद्रन उर्फ रवि.बता दें किसभी सात दोषियों को 21 मई,1991 को राजीव गांधी की हत्या में उनकी भूमिका के लिए पहले मौत की सजा सुनाई गई थी. हालांकि,समय के साथ,उनकी सजा कम कर दी गई,और आखिर में लगभग 31 साल तक जेल में रहने के बाद उन्हें नवंबर 2022 में रिहा कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने सभी हत्यारों को लंबे समय तक कैद में रहते हुए अच्छे आचरण और दया याचिकाओं के चलते रिहा करने का फैसला सुनाया था.
वी. श्रीहरन उर्फ मुरुगन मुरुगन -नलिनी का पति और LTTE का कार्यकर्ता भी नवंबर 2022 में रिहा हुआ था. इसके बाद अप्रैल 2024 में,वह दो अन्य दोषियों के साथ श्रीलंका लौट गया था.
टी. सुथेंद्रराजा उर्फ संथन -संथन को भी नवंबर 2022 में रिहा किया गया था,लेकिन श्रीलंका में निर्वासन की प्रतीक्षा करते समय दिल का दौरा पड़ने और क्रिप्टोजेनिक सिरोसिस के कारण फरवरी 2024 में उसका निधन हो गया.
रॉबर्ट पायस - नवंबर 2022 में रिहा होने के बाद पायस अप्रैल 2024 में श्रीलंका लौट गया था.
जयकुमार - जयकुमार को नवंबर 2022 में रिहा किया गया और अप्रैल 2024 में श्रीलंका वापस लौट गया.
ए.जी. पेरारिवलन - पेरारिवलन को मई 2022 में रिहा कर दिया गया,जब सुप्रीम कोर्ट ने उसकी दया याचिका पर निर्णय में देरी का हवाला देते हुए अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया.